tag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post244583465029297584..comments2023-10-02T03:45:45.479-07:00Comments on रसबतिया: मोहे कपट, छल छिद्र ना भावा...-सर्जना शर्मा-http://www.blogger.com/profile/14905774396390857560noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-82060265858444963892011-09-12T22:07:14.653-07:002011-09-12T22:07:14.653-07:00कई धार्मिक स्थान पर देखा है कि एक बैंच भी किसी ने ...कई धार्मिक स्थान पर देखा है कि एक बैंच भी किसी ने बनवाई है तो उस पर बनवाने वाले का नाम लिखा होता है ... लोग शोहरत के लिए दान करते हैं ..आज कल दिखावे में यह भी शामिल हो गया हैसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-78205698143474063102011-09-07T02:54:12.714-07:002011-09-07T02:54:12.714-07:00बहुत सुंदर,
अब तो दान का भी लोग हिसाब रखते हैं, रि...बहुत सुंदर,<br />अब तो दान का भी लोग हिसाब रखते हैं, रिटर्न की उम्मीद में..महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-86982796089857507332011-09-03T21:00:26.083-07:002011-09-03T21:00:26.083-07:00क्या मिलिए ऐसे लोगों से,
जिनकी फितरत छिपी रहे,
नकल...क्या मिलिए ऐसे लोगों से,<br />जिनकी फितरत छिपी रहे,<br />नकली चेहरा सामने आए,<br />असली सूरत छिपी रहे....<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-21105777692187584892011-09-02T01:35:07.038-07:002011-09-02T01:35:07.038-07:00सुन्दर लिखा है , अच्छा लगा आपको पढ़ना.सुन्दर लिखा है , अच्छा लगा आपको पढ़ना.Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-84200734337310150432011-08-31T04:44:24.008-07:002011-08-31T04:44:24.008-07:00आप भी किस सतयुग की बात कर रही है मैडम? अब हम परम्प...आप भी किस सतयुग की बात कर रही है मैडम? अब हम परम्परावादी, संस्कारी भारतीय सॉरी आई मीन बैकवर्ड ट्रेडिशनल हिन्दुस्तानी की तरह नहीं है. अब हम फॉरवर्ड, साइंटिफिक और रेशनल इंडियन हो गए है जो दान में भी लाभ हानि देखता है.<br /><br />यदि मीडिया और ब्लॉग जगत में अन्ना हजारे के समाचारों की एकरसता से ऊब गए हों तो कृपया मन को झकझोरने वाले मौलिक, विचारोत्तेजक आलेख हेतु पढ़ें<br />अन्ना हजारे के बहाने ...... आत्म मंथन http://sachin-why-bharat-ratna.blogspot.com/2011/08/blog-post_24.htmlएक स्वतन्त्र नागरिकhttps://www.blogger.com/profile/12076990707024302030noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-31091782109648556352011-08-30T21:46:13.700-07:002011-08-30T21:46:13.700-07:00तन मन धन सब है तेरा,स्वामी सब कुछ है तेरा
तेरा तु...तन मन धन सब है तेरा,स्वामी सब कुछ है तेरा <br />तेरा तुझको अर्पण ,क्या लागे मेरा.<br /><br />घर घर में 'ओम् जय जगदीश हरे' की यह आरती <br />गाई जाती है.'सुन्दर काण्ड', 'अखंड रामायण',देवी जागरण'<br />और न जाने क्या क्या पाठ और आयोजन किये जाते रहते हैं.<br />पर इनके 'सार तत्व' को कोई जानना और ग्रहण करना नहीं चाहता. केवल अपना नाम कराने का ही उद्देश्य ही मन में रहता है.<br /><br />काश! आपके ये शब्द -"-मोहे कपट , छल छिद्र ना भावा , सरल स्वभाव सो मोही पावा "। समझ पायें हम सभी.<br /><br />जगन्नाथ जी के बारे में जानकर बहुत अच्छा लगा.<br />समय मिलने पर आपसे इसपर और भी बात करना चाहूँगा.<br /><br />आपके लेख में त्रुटियाँ (छिद्र) खोजने की बहुत कोशिश की.<br />अभी तक तो कोई भी हाथ नहीं लगी.वरन,बार बार पढ़ने पर अनमोल शान्ति रुपी रत्न को ही पाया.सर्जना जी आपका यह अनुपम 'सर्जन' यदि समझ लिया जाये तो 'तारनहार'लग रहा है मुझे.<br /><br />सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार आपका.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-74800262362917538182011-08-30T21:09:01.721-07:002011-08-30T21:09:01.721-07:00"दान का बखान नहीं होना चाहिए"
पर ये बात ..."दान का बखान नहीं होना चाहिए"<br />पर ये बात उन के लिए है जो इसे समझना चाहते हों <br />बाकी दुनिया अपनी रफ्तार से चलती रही है, चलती रहेगीwww.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-24988659943551147552011-08-30T20:01:42.440-07:002011-08-30T20:01:42.440-07:00जैसे ही आसमान पे देखा हिलाले-ईद.
दुनिया ख़ुशी से झ...जैसे ही आसमान पे देखा हिलाले-ईद.<br />दुनिया ख़ुशी से झूम उठी है,मनाले ईद.<br />ईद मुबारकKunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-30324070692443934222011-08-30T19:46:19.593-07:002011-08-30T19:46:19.593-07:00वस्तुतः जो अधर्म और पाखंड इन तथाकथित धार्मिक आयोजन...वस्तुतः जो अधर्म और पाखंड इन तथाकथित धार्मिक आयोजनों मे होता है वह निंदनीय है।vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-69932232555494605362011-08-30T14:12:26.418-07:002011-08-30T14:12:26.418-07:00श्रृद्धा से किया गया दान/ दिखावे के लिए किया गया द...श्रृद्धा से किया गया दान/ दिखावे के लिए किया गया दान/कुछ पाने के लिए किया गया.....कुछ तो अंतर होना ही है...बड़ी कड़वी सच्चाई बखान दी आपने....पसंद आया आलेख.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-75946017740940298172011-08-30T11:14:24.966-07:002011-08-30T11:14:24.966-07:00aajkal to bina dhong aadamber ke kuch nahi ho sakt...aajkal to bina dhong aadamber ke kuch nahi ho sakta .,,bhagvan ke naam ka bhi vyapar ho raha hai.....Roshihttps://www.blogger.com/profile/18372159823117732748noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-64239292088054463412011-08-30T09:42:47.883-07:002011-08-30T09:42:47.883-07:00' आज धर्म के नाम पर आडंबर और दिखावा ज्यादा है ...' आज धर्म के नाम पर आडंबर और दिखावा ज्यादा है । ' आप ने ठीक कहा । वरना सच्ची भक्ति व पूजा तो अहं व अभिमान रहित समर्पण है। कहते हैं न - जानत तुम्हहि, तुम्हहि होइ जाई। बहुत सुन्दर प्रस्तुति सर्जना जी ।देवेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-46847257570491775652011-08-30T08:00:28.002-07:002011-08-30T08:00:28.002-07:00जब तक मैं और मेरा का भाव रहेगा तब तक भक्ति खरी नही...जब तक मैं और मेरा का भाव रहेगा तब तक भक्ति खरी नहीं हो सकती ।....बहुत सच कहा है. आजकल दान और भक्ति भी नाम पाने का साधन हो गयी हैं..बहुत सार्थक प्रस्तुति..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-49326075646908284782011-08-30T06:58:28.669-07:002011-08-30T06:58:28.669-07:00आजकल दान प्रसिद्धि व्यवसाय का अंग हो गया है।आजकल दान प्रसिद्धि व्यवसाय का अंग हो गया है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-69777914641457621582011-08-30T06:23:24.823-07:002011-08-30T06:23:24.823-07:00कहते हैं दांए हाथ से क्या दान किया ये बांए हाथ को ...कहते हैं दांए हाथ से क्या दान किया ये बांए हाथ को भी पता नहीं होना चाहिए । <br />सौ बातों की एक बात कह दी…………और मै का भाव ही हर विनाश की जड है और जिस दिन ये मिट जाता है उस दिन से जीव आनन्दमय हो जाता है।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-23334867697273515992011-08-30T06:15:21.831-07:002011-08-30T06:15:21.831-07:00अच्छी खबर ली है आपने।
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चित्रावलियाँ।
कसौटी...अच्छी खबर ली है आपने।<br /><br />------<br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">चित्रावलियाँ।</a><br /><b><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">कसौटी पर शिखा वार्ष्णेय..</a></b>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-12934536293728885302011-08-30T05:02:13.806-07:002011-08-30T05:02:13.806-07:00इन सारे दिखावे के प्रति मानवीय मानसिकता है। भारत म...इन सारे दिखावे के प्रति मानवीय मानसिकता है। भारत में प्रत्येक व्यक्ति दान के माध्यम से पुण्य कमाना चाहता है। उसे एक ही बात पता है कि दान करूंगा तो पुण्य मिलेगा। इसलिए यह सब हो रहा है। जिस दिन उसे समझ आ जाएगा कि केवल दिखावे के लिए दान करना पुण्य नहीं है उस दिन शायद यह कम हो।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-15326103109200327352011-08-30T04:33:36.772-07:002011-08-30T04:33:36.772-07:00खरा खरा लिख दिया आपने :-) और जगन्नाथ रहस्य पढने की...खरा खरा लिख दिया आपने :-) और जगन्नाथ रहस्य पढने की उत्कंठा भी जगा दीsonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-57369843859004637102011-08-30T03:40:48.840-07:002011-08-30T03:40:48.840-07:00कहते हैं दांए हाथ से क्या दान किया ये बांए हाथ को ...कहते हैं दांए हाथ से क्या दान किया ये बांए हाथ को भी पता नहीं होना चाहिए । <br /><br /><br />Yes, I agree !<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.com