tag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post4141957515055907087..comments2023-10-02T03:45:45.479-07:00Comments on रसबतिया: दलालो की गिरफ्त में देवी मां-सर्जना शर्मा-http://www.blogger.com/profile/14905774396390857560noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-82862176247636558932011-04-30T02:10:20.304-07:002011-04-30T02:10:20.304-07:00You are absolutely correct.You are absolutely correct.Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-39405420973090553972011-04-12T07:37:24.639-07:002011-04-12T07:37:24.639-07:00सचमुच दुख होता है यह सब देखकर।
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ब्लॉ...सचमुच दुख होता है यह सब देखकर।<br /><br />............<br /><a href="http://za.samwaad.com/" rel="nofollow">ब्लॉगिंग को प्रोत्साहन चाहिए?</a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">एच.आई.वी. और एंटीबायोटिक में कौन अधिक खतरनाक?</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-61666951172295173282011-04-07T06:41:32.760-07:002011-04-07T06:41:32.760-07:00मन चंगा तो कठौति में गंगा ।
बाकि तो सभी जगह यही हा...मन चंगा तो कठौति में गंगा ।<br />बाकि तो सभी जगह यही हाल है जितना बडा दर्शन नाम उतना ही बडा लूट-खसौट का ये नेटवर्क करीब-करीब हर कहीं अलग अलग रुपों व तौर तरीकों में देखा जा सकता है ।Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-89685743794392136932011-04-07T04:54:00.913-07:002011-04-07T04:54:00.913-07:00काली मंदिर में कुछ सालो पहले मेरे साथ भी ऐसा ही हु...काली मंदिर में कुछ सालो पहले मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था हमारा तो रास्ता ही रोक लिया था एक पंडे ने |लगभग सभी स्थानों हरिद्वार ,में गंगा आरती में ,मथुराजी में सब जगह अलग मान्यताये बतलाकर हमारी अस्थाव का शोषण किया जाता है |ये तो मन्दिर है कोई भी प्रवचन में दान की इतनी महिमा बतायेगे की भक्त अपने गहने तक उतार देते है |\और बड़े बड़े आधुनिक भगवानो के आश्रमों में क्या बिना पैसे के जाया जाता है ?शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-23631480979088736092011-04-06T20:21:05.781-07:002011-04-06T20:21:05.781-07:00मन चाणन ते जग चाणन...
श्रद्धा मन में होती है मठों...मन चाणन ते जग चाणन...<br /><br />श्रद्धा मन में होती है मठों में नहीं...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-51956845219107170692011-04-06T10:00:06.165-07:002011-04-06T10:00:06.165-07:00प्रिय सर्जना जी, इतना उद्बोधक व अर्थपूर्ण लेखन प्र...प्रिय सर्जना जी, इतना उद्बोधक व अर्थपूर्ण लेखन प्रस्तुति हेतु हार्दिक अभिनन्दन व आभार । दुर्भाग्यवश हमारे अधिकांश धर्मस्थान ऐसे ही अराजक तत्वों व बिचौलिए-दलालों के चंगुल में फँसे पडे हैं, और उनके कारण धर्म-भीरु दर्शनार्थियों को बडी मुश्किलों का सामना करना पडता है । मेरा स्वयं का कुछ ऐसा ही अनुभव जगन्नाथपुरी जैसे हमारे अति महत्वपूर्ण मन्दिर में हुआ था । ईश्वर से यही कामना है , स्थिति में सुधार हो .देवेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/13104592240962901742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-5406671650923517862011-04-06T07:34:53.560-07:002011-04-06T07:34:53.560-07:00माफ़ कीजियेगा ...दोषी आप खुद हैं , आस्था के प्रवाह...माफ़ कीजियेगा ...दोषी आप खुद हैं , आस्था के प्रवाह में बहती हुई आप खुद ही इन गुंडों को पैसे बांटने की दोषी हैं ! क्या इस प्रकार दिया हुआ धन, आस्था का मज़ाक उड़ाने के काम नहीं आ रहा ! मैं बरसों से मंदिर नहीं जाता उसके पीछे यही वजह है ! यही पैसे वृद्धाश्रम अथवा किसी अपाहिज के काम आते तो सार्थक पूजा मानी जाती ! <br />हार्दिक शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-67777384070431288702011-04-06T04:33:55.854-07:002011-04-06T04:33:55.854-07:00अन्ना हजारे जिस का प्रतिरोध कर रहे हैं, वो यही सब...अन्ना हजारे जिस का प्रतिरोध कर रहे हैं, वो यही सब हैं मतलब उसी भ्रष्टाचार की फैली शाखाएं हैं, जो लोगों की आस्था और विश्वास का खून पी पीकर पोषित हो रही हैं। इसके प्रति रोष भी कामयाब नहीं हो रहा है क्योंकि कानून की व्यवस्था में नून पड़ गया है। पुलिस वाले अपने शिकार की तलाश में, दलाल अपने शिकार की तलाश में - अब जब सब ही शिकार नजर आयेंगे तो .... शिकार ही होगा न, उसमें बेगुनाह ही फांसा जाएगा। इनसे बचने का रास्ता वहां जाना बंद करके ही होगा। कर्म ही पूजा और मन की भावना ही बने भगवान, यही हो सकता है इन बुराईयों से बचने का समाधान।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-12068760912787998212011-04-06T02:23:45.323-07:002011-04-06T02:23:45.323-07:00हमारी श्रदा का ही ये सब पंडे ,दलाल या भिखारी नाजाय...हमारी श्रदा का ही ये सब पंडे ,दलाल या भिखारी नाजायज फायदा उठाने की कोशिश करते है.प्रशासन को इसकी कोई चिंता नहीं है.जब बहुत से लोग खुद लुटने को तैयार है तो लूटने वालो का हज्जुम भी तैयार हो ही जाता है.<br />बहुत अच्छा संस्मरण प्रस्तुत किया आपने.<br />अब मेरी दो पोस्ट 'बिनु सत्संग बिबेक न होई' और 'वन्दे वाणी विनयाकौ' आपका बेसब्री से इंतजार कर रहीं हैं.आशा है आप जरूर आएँगी.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-13785322808230753382011-04-06T02:11:47.334-07:002011-04-06T02:11:47.334-07:00काली मन्दिर का मुझे भी व्यक्तिगत अनुभव है.बहुत दुः...काली मन्दिर का मुझे भी व्यक्तिगत अनुभव है.बहुत दुःख होता है और गुस्सा भी आता है कि किस प्रकार आज हमारे सभी प्रसिद्द मन्दिर एक आस्था का व्यापार स्थल बन चुके हैं. हरेक जगह पंडे/पुजारी किस तरह लूटने की कोशिश करते हैं यह देख कर शर्म आती है. गौहाटी का कामाख्या देवी का मन्दिर मैंने इस सम्बन्ध में एक अपवाद पाया, जहां पुजारी ने श्रद्धा से पूजा कराई और दक्षिणा के लिये कोई झगडा नहीं किया. कह नहीं सकता कि यह स्तिथि वहाँ पर आज भी है या नहीं. बाकी सभी मन्दिर लूट के स्थान बने हुए हैं.Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-5607781210733662072011-04-06T01:55:59.147-07:002011-04-06T01:55:59.147-07:00बिलकुल सही लिखा आपने ,,,
देवस्थानों पर इस तरह के ...बिलकुल सही लिखा आपने ,,,<br /><br />देवस्थानों पर इस तरह के दलाल लुटेरों की वजह से बड़ी तकलीफ होती है , प्रशासन को अवश्य कार्यवाही करनी चाहिए |सुरेन्द्र सिंह " झंझट "https://www.blogger.com/profile/04294556208251978105noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-53101773091771328312011-04-06T01:13:09.741-07:002011-04-06T01:13:09.741-07:00यह तो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।यह तो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-46716537018771339662011-04-06T00:17:27.347-07:002011-04-06T00:17:27.347-07:00सर्जना जी, बहुत दिनों बाद आपकी पोस्ट पढने का मिली...सर्जना जी, बहुत दिनों बाद आपकी पोस्ट पढने का मिली। यह ही इस देश का दुर्भाग्य है कि धर्म और आस्था के नाम पर हम लुट रहे हैं। कमोबेश ऐसी स्थिति सब जगह है। मुझे आजतक समझ नहीं आया कि हम भिखारी क्यों बनते जा रहे हैं? हम कर्म में विश्वास क्यों नही कर रहे हैं? क्यों दर-दर जाकर इन आस्था के केन्द्रों पर इन पण्डों से लुट रहे हैं? मेरी पूर्ण आस्था प्रभु के प्रति है लेकिन उतनी ही दृढ़ आस्था कर्म के प्रति भी है। इसलिए केवल कर्म करने में विश्वास रखती हूँ, कभी मन्दिर में जाती हूँ तो उस प्रभु को केवल अपनी श्रद्धा व्यक्त करने, बस। ना प्रसाद और ना कोई पूजा। अभी शिरडी जाना हुआ था वहाँ भी ऐसा ही नाटक था। जगन्नाथपुरी में भी ऐसी ही लूट है। इसलिए आस्था के केन्द्रों पर जब लूटेरे बैठ गए हैं तब वहाँ आस्था कैसे रहे?अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1544538761106053683.post-56079684493309082942011-04-05T23:50:32.406-07:002011-04-05T23:50:32.406-07:00जहां श्राईन बोर्ड जैसी कु्छ अच्छी संस्थायें काम कर...जहां श्राईन बोर्ड जैसी कु्छ अच्छी संस्थायें काम कर रही हैं, उनको छोड कर भारत के लगभग हर धर्मस्थल पर अब ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है।<br /><br />प्रणामअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.com