मंगलवार, अगस्त 23

अगर अन्ना की शादी हो गयी होती तो...सर्जना शर्मा



 अन्ना हज़ारे के आंदोलन की सफलता को लेकर जहां गंभीर राजनीतिक बहसें छिड़ी हुई हैं । बुद्धिजीवी अन्ना हज़ारे के आंदोलन को सही और ग़लत ठहराने में लगे हैं वहीं चुटकलों का बाज़ार भी गर्म है एक चुटकला अन्ना के आंदोलन की सफलता के कारण पर ----

 ---  अगर अन्ना की शादी हो गयी होती तो ये आंदोलन कभी सफल ना होता । क्योंकि पत्नी सवाल करती ----

---   कहां जा रहे हो ?

---  अकेले तुम्हे ही क्या पड़ी है अनशन करने की ?

--- इस केजरीवाल का साथ छोड़ दो ?

---- वो बॉयकट बालों वाली महिला कौन है बार बार तुम्हारी बगल में आकर क्यों बैठती रहती है ?

-- सारा दिन रात रामलीला  मैदान में ही पड़े मत रहना । समय से घर आ जाना ।

--वहां पहुंचते ही फोन करना उधर से लौटते में एक किलो भिंडी ले आना और हां घर में पैसे भी खत्म हैं बैंक से पैसे भी  निकलवा लाना  ।

27 टिप्‍पणियां:

  1. घर में चार दिन औरत ना हो तो घर का हल कैसा हो जाता है... यह तो कोई कांग्रेस से पूछे...

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  2. अगर अन्ना की शादी हो गई होती तो एक बहादुर आदमी की नस्ल चल गई होती और हमें बहादुरों की बहुत ज़रूरत है।

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  3. अनवर जमाल जी की बातों से पूरी तरह सहमत

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  4. phir yah sab kaise sambhav hota..
    dinbhar ghar mein khatakte rahte..

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  5. पारिवारिक जिम्मेदारियां व्यक्ति को स्वतंत्र निर्णय लेने में बाधा तो पहुचाती ही हैं लेकिन लाल बहादुर शास्त्री जी जैसे उदाहरण भी हैं जिनकी शक्ति उनकी पत्नी ही थी

    BHARTIY NARI

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  6. व्यंग्य के स्तर पर अच्छा है.. वरना पत्नी शक्ति तो है ही...

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  7. डॉ अनवर , वंदना जी और शालिनी जी ने ये तो मान ही लिया कि अगर अन्ना शादी शुदा होते तो इस तरह के सफल आंदोलन ना चला पाते . अरूण जी और शिखा जी हम कहां इंकार करते हैं कि पत्नी पति की शक्ति होती है । ये तो बस एक चुटकी भर है ।

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  8. यशवंत जी धन्यवाद इसे नयी पुरानी हलचल पर लेने के लिए

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  9. और यदि तुलसीदास अविवाहित रहते तो ?
    शायद राम चरित मानस प्रेरणा के अभाव में लिखी ही नहीं जाती.

    इसीलिये जो भी होता है,अच्छा ही होता है.

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  10. प्रवीण जी आपके सैंस ऑफ हयूमर का तो जवाब नहीं . अच्छा अब ये तो बता दिजिए आप भी कहीं गन्ना तो नहीं बन गए हैं ?

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  11. अरूण जी ये टिप्पणी अपनी पत्नी के सामने तो नहीं लिखी ना सामने बैठीं हो तों खुश रखना ज़रूरी है

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  12. main is baat ko nahi maanti ki shaadi ke waad aadmi bahadur nahi rahataa .aurat kabhi achche kaam karane ke liye nahi rokati balki saath dene ke liye saath ho jaati hai .gandhiji bhi shaadi sudhaa the jinhone desh ko swatantra karaayaa.kahate bhi haib ki har saphal aadmi ke peeche aurat kaa hi haath hota hai.shaadi ke baad aadmi aur bahadur ho jaataa hai,aur akalmand bhi.




    plese visit my blog.thanks
    www.prernaargal.blogspot.com

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  13. आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
    कृपया पधारें
    चर्चा मंच

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  14. दिलबाग जी धन्यवाद आज ही आपका संदेश पढ़ा अबी चर्चा मंच पर जाती हूं

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  15. संगीता जी रेखा जी और रोशी जी धन्यवाद

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  16. प्रेऱणा जी आप रसबतिया पर आई अच्छा लगा । इस चुटकले को दिल पर ना लें ये बस ऐसे ही हंसने हंसाने के लिए है । वैसे तो सब जानते हैं कि अपनी शक्ति ( पत्नी ) के बिना सभी पति शक्तिहीन हैं

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  17. सर्जना शर्मा जी आपने बहुत ही सही सवाल उठाए हैं।
    इसीलिए तो हम अन्ना के आनदोलन में दिल्ली नहीं जा सके,
    लेकिन मन से और जी-न्यूज के माध्यम से उनके साथ हर समय रहे।

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  18. हा हा!! तब अन्ना अन्ना न होते, समीर लाल होते. :)

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  19. ठीक कह रहे हैं समीर जी ?इतना लेखन इतना भ्रमण कैसे कर रहे हैं इसका जवाब भी दिजिए फिर सच्चाई पता चलेगी ।

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  20. सर्जना जी ,आपके मन में यह बात कैसे आई कि अन्ना जी की शादी हो जाती ?
    सभी पत्नियाँ कोई एक सी थोड़ी न होतीं हैं.
    कहतें हैं तुलसीदास की पत्नी ने उन्हें 'राम भक्ति'का मार्ग सुझाया.
    हो सकता है पत्नी के कारण अन्ना 'हजारे' की जगह 'अन्ना करोड़े' ही होते.

    आपकी हास्य रस की इस अभिव्यक्ति के लिए आभार.

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  21. sahi bola aap ne agar annaji ki shaadi ho gae hoti too sayad yehi hota.......

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